अभी अभी सुनने में आया है कि मोदी जी का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है!



अभी अभी सुनने में आया है कि मोदी जी का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है। भारत के प्रधानमंत्री दुनिया के अनगिनत देशों में शांति की गुहार लगाते लगाते कर्नाटक और तमिलनाडु पर आ ही रहे थे कि किसीने यह घोर आपत्तिजनक घटना को अंजाम दे दिया। भाजपा अध्यक्ष अमीत शाह जी ने इस पुरे व्याख्या की कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात बोली है। अलबत्ता यह सुनकर कारवाई खुद बौखलाई हुई है कि सिर्फ कारवाई में क्या कमी रह गई थी कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई को बुलावा देना पड़ा। खैर आदरणीय शाह साहेब भी कर्नाटक और तमिलनाडु पे बोलने से चुक गये। हालांकि यह अटकलें लगाई जा रही है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनको इत्तला किया की इस घनघोर हैकिंग के पीछे किसी अरविंद का हाथ है। हाय रे अरविंद! मोदी जी तुम्हें काम न करने देते यह तो सुन सुन के हमारे कान पक गए। अब मोदी जी भी अपनी मनकी बात में मनकी भड़ास न निकाल दें। सुनने में तो यह भी आया कि मोदी जी ने दिल्ली के असली शाशनकर्ता को फोन घुमाया था पर जंग जी के घर से बोला गया कि वे विदेश में है। माननीय प्रधानमंत्री जी का दिल तो ललचाया, फॉरेन जाने के लिए नहीं ना पर जंग जी से आपसी गुफ्तगू के लिए। आप भी क्या क्या सोचते हैं हमारे प्यारे प्रधानसेवक के बारे में? प्रधानमंत्री तो वे आपके है पर सेवक…

वैसे माननीय प्रधानमंत्री जी को क्या क्या करना पड रहा है आप सब के लिए। अर्थव्यवस्था तो जेटली जी से संभल नहीं पा रही थी और वहाँ उनके प्रिय मित्र बराक ने गिरते रूपये पर चुटकी ले ली। फिर क्या था, झट से बिगड़ते हालात की कमान संभालते हुए मोदी जी झट से आ गए दुसरे दिन हर अखबार के पहले पन्ने पर। और देखते ही देखते रिलायंस जीयो में मानो नई जान आ गयी। सुना है विज्ञापन का पाई पाई गरीबों में बाँटा जाएगा। जैसे वो जो पंद्रह लाख मोदी जी हर भारतीय के अकाउंट में डालनेवाले थे, ठीक वैसे ही ए भी डालेंगे। वैसे इसबार यह पुरा पेंच नये नीती आयोग के वजह से फंस गया। प्लानिंग कमीशन जिसका नाम बदलकर नीति आयोग बनाया गया था उसने गरीबी हटाने का एक नायाब तरीका ढूंढ लिया है। इस नये तरीके के तहत, हर साल अगस्त में जो गरीबी रेखा को संशोधित किया जाता था वह प्रयास अब नहीं होगा। अब कोई गरीबी रेखा ही नहीं रहेगी तो आप गरीब किसे कहेंगे? श्रीलंका ने अपनी जमीन से क्या मालूम कैसे मलेरिया हटा दिया.. पर कोई नहीं। हमने तो गरीबी हटाई है! ठोको ताली!

सुनने में तो यह भी आया है कि कर्नाटक और तमिलनाडु अपने अपने यहाँ चुनाव घोषित करनेवाले है। यह सुझाव उन्हें किसी पंडित जी ने दिया था यह कहकर कि अब बस चुनाव ही आपके यहाँ मोदी जी को खिंच ला सकते हैं। और चुनाव के साथ 50 हजार, नहीं 60 हजार, नहीं 70 हजार… लाखों करोड़ों का पैकेज भी तो आता है। यह तरीका सफल रहा तो, मराठवाड़ा के किसान भी अपने यहाँ चुनाव घोषित करने का सोच रहे हैं। खैर वह अलग बात है कि चुनाव के साथ साथ हम सब पैकेज भी भुल ही जाते हैं। वर्ना ये अपने बिहार और जम्मू-कश्मीर को कब का अपना पैकेज मिल गया होता। इसमें भी उनका हालांकि कोई दोष है नहीं। पैकेज तो उन्होंने कब का पैक कर रख दिया है। इंतजार तो बस अब रिलायंस के अपने कोरियर सर्विस लांच करने का है। आप पूछेंगे भारतीय डाक का क्या हुआ.. हाय रे बुडबक्, तुम कितने भोले निकले! डाक का वही होना है जो जीयो के कारण बीएसएनएल का हाल है। फलाना फलाना होगा कोई मंत्री आज पर अंबानी साहब तो कब से सबको जेब में लिए घुमते है!

सुचना: यह लेख जब लिखा गया था तब मोदी जी ने कोई ट्विट नहीं किया था मगर शाम तक वे ट्विट कर चुके हैं। उनका अकाउंट फिर से शुरू हो गया है! धन्यवाद!

हिंदी दिवस की सबको ढेर सारी शुभकामनाएं।

 
यह एक व्यंग्य लेख है। आशा करता हुँ कि व्यंग्य को व्यंग्य ही समझा जाएगा…!

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